मेरे यारो मैं हार गया ..
UPSC की आंधी में ..
फिर से खाली वो वार गया
मेरे यारो मैं हार गया |
मैं बड़ा नशीला होता था ..
सब जगते थे मैं सोता था ..
जीत मेरे बस में थी फिर भी ..
शायद ही कभी मैं रोता था |
कीड़ा UPSC का ..
बेमौत मुझे भी मार गया
मेरे यारो मैं हार गया |
मैं सपने बड़े सजाता था ..
मैं वादे बड़े निभाता था ..
जीवटता का गुमान मुझे था ..
किस्मत से भिड जाता था |
महबूब वफ़ा का हारा था ...
गलबहियां ऐसी डार गया
मेरे यारो मैं हार गया |
मैं आया था कुछ बनने को ..
कहीं सनने को कुछ करने को ..
क्या पता था मुझको की ये .
भरा घड़ा है भरने को |
मौसम की रवानी यूँ ही चली ..
सालों की कहानी यूँ ही चली ..
एक दो तीन फिर चार गया
मेरे यारो मैं हार गया |
अब हँसते चेहरे आते हैं ..
सब खुश हो हो चिल्लाते हैं ..
मेरी तरह अभागे कुछ ..
अब सामान पकड़ घर जाते हैं |
अब घर कहाँ है लक्ष्य कहाँ पर ?
तुम पर जीवन ही वार दिया
मेरे यारो मैं हार गया |
जिस धरती पर तुम जीते हो ..
उस पर बहुतों की अरथी है ..
खिलाडी बदल गए हैं माना ..
पर वही खेल वो धरती है |
सब सफल रहो ये दुआ है उसकी ..
अंगारों पर चल जो पार गया ..
मेरे यारो मैं फिर हार गया ...
मैं सपनो से फिर पार गया ..
मेरे यारो मैं हार गया |
Monday, February 20, 2012
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2 comments:
wah dost kya baat boli hai...boli to boli bandook ki goli hai...
wah dost kya baat boli hai...boli to boli bandook ki goli hai..
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