Tuesday, February 12, 2013

कैसा हो इस्कूल हमारा


मेरे भारत को स्वप्न मंजरी,
में जब तरु सम करता हूँ ।
तो मै शाखे पत्ते गिनता ..
टूटन को कम करता हूँ ।

विचार कौंधता मन में ये की 
चट्टानों सा तरु हो उस दिन ..
जड़ का फिर मैं मोल समझता 
सूखा मृत सा मरू हो जिस दिन ।

जड़ आधार की बातों में ..
ये प्रश्न उभरता कौन बनेगा ?
मिट्टी कीचड दलदल में अब 
कौन रहेगा कौन सनेगा ?

बच्चे दिखते मुझको फिर कुछ ..
बस्ता टाँगे चलते फिरते ..
गिरते पड़ते हँसते रोते ..
खाते पीते आते जाते ।

आधार का भान होता फिर मुझको 
कौन बनेगा नया सितारा !
अगला प्रश्न कौंधता दिल में 
कैसा हो इस्कूल हमारा ?

पेंसिल हँसे रबड़ मुस्काए ..
बस्ता सरपट दौड़ा जाए .
अंक तुनककर नाच दिखाएं 
ऐसा हो इस्कूल हमारा !

सपनों का नव जन्म जहां हो 
गीता का शुभ कर्म जहां हो 
भावों का मधुरिम मर्म जहाँ हो 
ऐसा हो इस्कूल हमारा ।

क्षितिज लालिमा का संगी बन 
इन्द्रधनुष  का नाच दिखाए 
बाल कृष्ण अठखेली करके ..
मक्खन के संग रास रचाए ।

बीज जहां छितराये जाएँ ..
मेघ जहां इतराए जायें ..
अंजुलि में भर खाद जहां पर ..
नन्हे मुन्हे लाते जाएँ ।

दिल और पेट के सौदे में ..
जीत जहां दोनों की हो ।
कक्षाएं वो स्वर्ग बने ..
प्रीत जहां दोनों की हो ।

शिक्षक गुरु का अर्थ समझकर ..
आदर्शों की वाह करे ..
पर्याय बने नैतिकता का  ..
कर्तव्यों का निर्वाह करे ।

सिर्फ किताबें जहां नहीं हों ..
जीवन का अध्याय मिले 
उन फूलों को उन कलियों को ..
सच्चाई से  न्याय मिले ।

जहाँ बिताकर अपना जीवन ..
मानवता को तेज मिले ..
जहां खेलकर नन्हो को वो 
आदर्शों की सेज मिले ।

जहाँ शब्द बनकर वीणा ..
गुरु के अधरों से निकलें ..
जहाँ परिश्रम की बूँदें ..
सबके माथे पर फिसलें ।

जहाँ बने गांधी टैगोर ..
न्यूटन ग़ालिब चारो ओर ..
अंधेरों में जहां हो भोर ..
ऐसा हो इस्कूल हमारा ।

इस इस्कूल के कौन हैं धारक ?
हम सब हैं ..
इस इस्कूल के कौन हैं तारक ?
हम सब हैं ..

हम सब मिलकर आगे आयें ..
अंधेरों  में दीप जलायें ..
अपना अपना फर्ज निभाएं 
खुद को न्योछावर कर जाएँ ।

स्वयं विकास चेतन बन जाएँ ..
शुद्ध दुग्ध जैसे  छन जाएँ 
बदी के सम्मुख टकराएं हम 
अन्याय के आगे फिर ठन जाएँ ।

तभी एक दिन कह सकते हैं 
ऐसा है आकाश सितारा ।
तभी एक दिन कह सकते हैं
मक्का और प्रयाग हमारा ।
तभी एक दिन कह सकते हैं 
सुन्दर होगा अब ये नजारा ।   

तभी एक दिन जब कोई पूछे 
कैसा है इस्कूल तुम्हारा 
गर्व से छाती ताने बोलें  ..
ऐसा है इस्कूल हमारा ।  
ऐसा है इस्कूल हमारा । 

1 comment:

Nitin Sangwan said...

Aisa ho UTCS hamara :P