चलो आम खाते हैं
मीठे मीठे आम चुस्कियों से भरे
मुझको तुमको ताकते खड़े खड़े
लेकर एक झोला हंसिया कंटीला सा
तोड़ लाते हैं
चलो आम खाते हैं !
डर क्यूँ रहे हो ?
मिट्टी में ज़हर थोड़ी भरा है
जमीन सूख रही तो क्या
आम देखो बिल्कुल हरा है !
मिट्टी में थोड़ा सा पानी छिड़क कर
पैरों से दबाते हैं
चलो आम खाते हैं !
ये बाग किसका है हमें नही पता
अब भूख लग आयी तो हमारी क्या खता ?
वैसे भी सुना है मालिक इसका बेदम है
उसके बाग में क्या ,
उसके तो घर में भी पानी कम है !
थोड़ी दूर ही हरा मैदान है पानी से लबालब
रविवार है उसे देख आते हैं
चलो आम खाते हैं !
ये आम पीला है कि हरा है ?
कोई कह रहा है अंदर केसरी रंग भरा है !
ऐसा करते हैं कि रंगों को अलग कर देते हैं
तुम पीला ले लो हम हरा ले लेते हैं
देखते हैं कि किसका आम ज्यादा खट्टा है
किसमें चीनी है किसमें मट्ठा है ?
खट्टे आम का हम क्या करेंगे ?
इकट्ठा करो विदेश भेज आते हैं
चलो आम खाते हैं !
सोच रहे हैं आमरस पी लिया जाये
इतनी गरमी है
थोड़ा जी भर के जी लिया जाये
पर आमरस बनाने आयेगा कौन ?
आ भी गया तो आमरस बनायेगा कौन ?
इस गाँव के सभी लोग नाकारा हैं
इनको मशीनें दी थी पिछले साल
लगता है मशीनें ही आवारा हैं
छोड़ो साहब थोड़े पैसे बचा जाते हैं
चलो आम खाते हैं !
ओह आम में कीड़ा लग गया है !
पिछले साल तो नई गुठलियां डाली थी
ये पेड़ की डाली तो चमकने वाली थी !
पता नहीं क्या हुआ ..
पास की छोटी घास मर गयी है
नया मिनरल वाटर भी तो आया था
शायद उससे डर गयी है !
एक दो डाली तो बची हैं चकाचक
थोड़ा आराम फरमाते हैं
चलो आम खाते हैं
सुना यहाँ कल रात को चोरी होने वाली थी ?
हमने भी निशाना लगा के गुलेल मारी थी
पर अंधेरा था पता नही लगी न लगी
चिड़िया मगर इस पेड़ पर देख के ये सब
रात भर जगी !
चिड़िया तो भोली है
इनकी भी टोली है
इनको गुलेल दिखा लाते हैं
चलो आम खाते हैं !
शायद ये आम सड़ गया है
पानी , मिट्टी , खाद , धूप कुछ न मिला
हम तो मगर आज़ाद हैं हमे क्या गिला
कीड़े लग गये तो लगने दो
भौंरे जग गये तो जगने दो
रसहीन हो जाने दो इस आम को
भूखा मरने दो तमाम को
हमें चिंता नहीं
हमारे आम बिदेशों से आते हैं
चलो आम खाते हैं !
1 comment:
Chilu bhai bhut bdiya. Aapse 2013 me mukherjee nagar me mulakat hui thi. Humne sath me chai pj thi. Ethics ki class me sath me the hum.
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