मैं वही हूँ ...
माँ की बुनी स्वेटर में गुंथा
भाई की रफ़ू कमीज में सज़ा
यार की अंगरेजी की टीशर्ट में सना
जिसमें लिखा न उससे न मुझसे बना !
मैं वही हूँ .. जिसके घर में
मेहमानों के लिये अलग बिस्कुट निकलते हैं
नये टीवी के परदे बड़ी देर में खुलते हैं
मिठाई इंसानो से पहले खाते हैं गणेश जी
पुरानी जीन्स के धागे पहले दरी फिर पोछे में मिलते हैं !
मैं वही हूँ ...
इम्तिहान से पहले दही खाने वाला
सीट घेरने को रुमाल बिछाने वाला
वन टिप आउट जैसे नियम बनाने वाला
कटी पतंग को उठा जोड़ फिर उड़ाने वाला
मैं वही हूँ ...
सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने वाला
अपनी सैलरी को सीटीसी में बताने वाला
लड़कियों से नजरें चुराने वाला
बस बातों में नौकरी छोड़ जाने वाला
मैं वही हूँ.....
शादाब के घर सेंवइयाँ खाता हूं
गुरचरण को पंजाबी गाने में नचाता हूँ
क्रिस की अंग्रेजी की कॉपी करता हूँ कभी
कभी भूल कर इन सबको रंग लगाता हूँ
एक बात जो मुझे भारतीय बनाती है
एक बात जो जिंदगी मेरी सजाती है
प्रेम बहुत है मुझमें बस जेब से थोड़ा कड़का हूँ !
मैं वही आपकी गली के पीछे वाला ...
मध्यमवर्गीय भारतीय लड़का हूँ
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