Wednesday, December 7, 2011

मैं

मेरे ख्वाबों की तस्वीर मुझसे है
मेरे वादों की जंजीर मुझसे है |

तकल्लुफ कितना करे कोई वफ़ा में ..
रांझा हूँ मैं ....हीर... मुझसे है |

मंदिर मस्जिद अब नहीं लुभाते मुझे ..
मैं ब्रहम हूँ ..पीर मुझसे है |

ख्वाब अधूरे हैं पर बदनामी नहीं ..
नग्न द्रौपदी हूँ मैं ..चीर मुझसे है |

मैं प्यासा हूँ ! ये भ्रम है तेरा ...
मैं धरती हूँ ..नीर मुझसे है |

तेरा साथ न तेरे ख्वाबों का साथ चाहिए ..
मैं अनेक हूँ ..भीड़ मुझसे है |

No comments: